BSEB 12th Biology Important Question Answer 2024: बिहार बोर्ड इन्टर परीक्षा 2024 के लिए, Biology Important Question 2024, Bihar Board

BSEB 12th Biology Important Question Answer 2024: बिहार बोर्ड इन्टर परीक्षा 2024 के लिए, Biology Important Question 2024, Bihar Board

 

प्रश्न 1. एम० टी० पी० क्या है? इसके सुरक्षित एवं घातक काल (समय) का उल्लेख करें।

उत्तर- गर्भावस्था पूर्ण होने से पहले स्वेच्छा से गर्भ को समाप्त करना प्रेरित गर्भपात या चिकित्सीय सर्गमता समापन (MTP) कहा जाता है। सर्गभता (Pregnancy) के 12 सप्ताह तक की अवधि में कराया गर्भपात सुरक्षित माना जाता है। जाने वाला

 

प्रश्न 2. जीवाणु जनित किन्हीं चार प्रतिजैविक के नाम लिखें। 
उत्तर – जीवाणु जनित चार प्रतिजैविक का नाम इस ये चारों जीवाणु जन्म प्रतिजैविकों में शामिल है। स्ट्रेप्टोकाइनेज एंजाइम के उत्पादन में स्ट्रैप्टोकोकस जीवाणु शामिल हैं। साइक्लेस्पोरिन- का उत्पादन ट्राइकोडर्मा पॉलोस्पोरम नामक कवक से होता है, स्टैटिन का उत्पादन मोनोस्कस परफयूरीअस नाम यीष्ट या कवक से होता है।
(i) सिफैलोस्पोरिन,
(ii) पोलीपोरिक में पॉलीमीक्सिन,
(iii) थायरोक्सिसिन,
(iv) सबंटिलिन जीवाणु

 

प्रश्न 3. जनन स्वास्थ्य का वर्णन करें।
उत्तर-जनन स्वास्थ्य का मतलब जनन के सभी पहलुओं जैसे शारीरिक, भावनात्मक, व्यावहारिक तथा सामाजिक स्वास्थ्य से है। इस दिशा में लोगों के बीच जनन अंगों, किशोरावस्था एवं उससे जुड़े बदलावों, सुरक्षित एवं स्वच्छतापूर्ण यौन-प्रक्रियाओं एच.आई.वी./एड्स सहित यौन संचारित रोगों के बारे में परामर्श देना एवं जागरूकता पैदा करना चाहिए।

 

प्रश्न 4. बन्ध्याकरण क्या है? इसके तरीकों का उल्लेख करें।
उत्तर- भारत सहित पूरी दुनिया में दंपत्ति बंध्य है अर्थात् उन्मुक्त या असुरक्षित सहवास के बावजूद भी वे बच्चे पैदा कर पाने में असमर्थ होते हैं। इसके अनेक कारण हो सकते हैं, जो कि शारीरिक, जन्मजात, रोग जन्य, औषधिक, प्रतिरक्षात्मक और यहाँ तक कि मनोवैज्ञानिक भी हो सकते हैं। भारतवर्ष में प्रायः दंपत्तियों में बच्चा न होने का दोष स्त्रियों को ही दिया जाता है जबकि प्रायः ऐसा नहीं होता है, यह समस्या पुरुष साथी में भी होती है। विशिष्ट स्वास्थ्य सेवा इकाइयाँ वैज्ञानिक जाँच में सहायक हो सकती हैं और इनमें से कुछ विकारों का उपचार करके दंपत्तियों को बच्चा पैदा करने में मदद दे सकती है। फिर भी, जहाँ ऐसे दोषों को ठीक करना संभव नहीं है वहाँ कुछ विशेष तकनीकों द्वारा उनको बच्चा पैदा करने में मदद की जा सकती है। ये तकनीक सहायक जनन प्रौद्योगिकीयाँ कहलाती है। आजकल ‘टेस्ट ट्यूब बेबी’ काफी सफल तकनीक है। इनमें अंडों का निषेचन शरीर के बाहर परखनली में होता है। फिर 8 से 16 कोशिका अवस्था में युग्मनज का स्थानापन्न माता के गर्भाशय में होता है जहाँ गर्भ में शिशु का विकास होता रहता है ।

 

प्रश्न 5. उल्बवेधन एक घातक लिंग निर्धारण (जाँच) प्रक्रिया है, जोहमारे देश में निषेचित है? क्या यह आवश्यक होना चाहिए? टिप्पणी करें।

उत्तर–बढ़ती मादा भ्रूण हत्या की कानूनी रोक के लिए उल्बवेधन (ऐमीनोसैटेसिस) जाँच (भ्रूणीय लिंग निर्धारण) लिंग परीक्षण पर वैधानिक प्रतिबंध उचित है क्योंकि यह खतरनाक प्रवृत्ति है। इससे शिशु के लिंग निर्धारण के लिए उल्बवेधन का दुरुपयोग होता है। बहुत बार ऐसा देखा गया है कि यह पता चलने पर कि भ्रूण मादा है, एम. टी. पी. कराया जाता है, जो पूरी तरह गैर-कानूनी है। इस प्रकार के व्यवहार से बचना चाहिए क्योंकि यह युवा माँ और भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक है। इससे समाज में पुरुष तथा महिलाओं की संख्या का अनुपात भी बिगड़ सकता है। जिसके कारण वैवाहिक समस्याएँ तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। इस कारण से इस विधि पर हमारे देश में प्रतिबंध है जोकि उचित है।

 

 

– प्रश्न 6. समाज में जनन स्वास्थ्य के महत्त्व के बारे में अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर-जनन स्वास्थ्य का तात्पर्य जनन के सभी पहलुओं जैसे शारीरिक, भावनात्मक, व्यावहारिक तथा सामाजिक स्वास्थ्य से है। दुनिया में भारत पहला ऐसा देश है जिसने राष्ट्रीय स्तर पर जननात्मक स्वस्थ समाज को प्राप्त करने की कार्य योजनाएँ बनाई हैं। इन कार्यक्रमों को परिवार कल्याण के नाम से है। इनकी शुरूआत 1951 में (परिवार नियोजन के नाम से) हुई थी। जनन संबंधित और आवधिक क्षेत्रों को इसमें सम्मिलित करते हुए बहुत उन्नत व व्यापक कार्यक्रम फिलहाल ‘जनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम (आर सी एच)’ के नाम से प्रसिद्ध है। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत जनन संबंधी विभिन्न पहलुओं के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करते हुए और जननात्मक रूप से सम्बद्ध समाज तैयार करने के लिए सुविधाएँ एवं प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

 

 

प्रश्न 7. जनन स्वास्थ्य के उन पहलुओं को सुझाएँ, जिन पर आज के परिदृश्य में विशेष ध्यान देने की जरूरत है?
उत्तर-आज हमें अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याओं तथा सामाजिक उत्पीड़नों जैसे कि यौन दुरुपयोग एवं यौन संबंधी अपराधों आदि के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है ताकि लोग इन्हें रोकने एवं जननात्मक रूप से जिम्मेदार एवं सामाजिक रूप से स्वस्थ समाज तैयार करने में विचार करें और आवश्यक कदम उठाएँ। लोगों को जनन संबंधी समस्याओं जैसे कि सगर्भता, प्रसव, यौन संचारित रोगों, गर्भपात, गर्भ-निरोधकों, ऋतुस्राव (माहवारी)
संबंधी समस्याओं, बंध्यता (बांझपन) आदि के बारे में चिकित्सा सहायता एवं देखभाल उपलब्ध कराना आवश्यक है। समय-समय पर बेहतर तकनीकों और नई कार्य नीतियों को क्रियान्वित करने की भी आवश्यकता है, ताकि लोगों की अधिक सुचारू रूप से देखभाल और सहायता की जा सके। बढ़ती मादा भ्रूण हत्या पर कानूनी रोक तथा लिंग परीक्षण आदि पर वैधानिक प्रतिबंध लगाना जरूरी है। बाल प्रतिरक्षीकरण (टीका) आदि कुछ महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

 

 

प्रश्न 8. गर्भ-निरोध की किन्हीं दो यांत्रिक विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर- (i) डायाफ्राम-इसे डॉक्टर द्वारा गर्भाशय के मुख (सर्विक्स) पर फिट कर दिया जाता है जिससे शुक्राणु सर्विक्स नलिका में प्रवेश नहीं कर सकते।

(ii) अंत:गर्भाशयी युक्ति-IUD अथवा लूप (loop) प्लास्टिक अथवा स्टेनलेस स्टील का बना होता है। इसे गर्भाशय में डाल दिया जाता है जिसके कारण
गर्भाशय की दीवार में भ्रूण का रोपण नहीं होता।

 

 

प्रश्न 9. गर्भ-निरोधक किसे कहते हैं? स्त्रियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले किन्हीं दो गर्भ-निरोधकों के नाम लिखिए।

उत्तर – प्राकृतिक तथा यांत्रिक विधियों द्वारा निषेचन को रोकना तथा गर्भ निरोधक विधियों द्वारा अण्डे और शुक्राणु के संलयन को रोका जाता है।
स्त्रियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दो गर्भ-निरोधक इस प्रकार हैं- जिनसे मादा में अण्डोत्सर्ग नहीं होता। इन गोलियों से केवल अण्डोत्सर्ग नहीं हो।
_(i) गर्भ-निरोधक गोलियाँ-गर्भ-निरोधक गोलियों को रोज खाना पड़ता है, सकता है और रजोचक्र का रक्तस्राव एवं गर्भाशय की दीवार के अस्तर का उतरना सामान्य रूप से होता रहता है।

(ii) डायाफ्राम–इसे डॉक्टर द्वारा गर्भाशय के मुख (सर्विक्स) पर फिट कर दिया जाता है जिससे शुक्राणु सर्विक्स नलिका में प्रवेश नहीं कर सकते।

 

 

प्रश्न . 10बंध्यता पर संक्षिप्त विवरण दें।

उत्तर- किसी व्यक्ति की वह अवस्था जो उसे प्राकृतिक रूप से जनन करने से रोकता है बन्ध्यता कहलाता है।

 

 

प्रश्न 11. जनन संबंधी समस्याओं का नाम बताएँ।
उत्तर-जनन संबंधी समस्याएँ निम्न हैं-
(a) संगर्भता,
(b) प्रसव,
(c) यौन संचारित रोग,
(d) गर्भपात,
(e) बांध्यता,
(f) ऋतु-स्राव संबंधी समस्या(इनमें से कोई चार)।

 

 

पश्न 12. रोध (बैरियर) विधियाँ क्या है? वर्णन करें।
उत्तर-रोध (बैरियर) विधि एक गर्भ निरोधक साधन है जिसके अंतर्गत रोध क साधनों के माध्यम से अंडाणु एवं शुक्राणु को भौतिक रूप से मिलने से रोका जाता है। इस प्रकार का उपाय पुरूष एवं स्त्री दोनों के लिए उपलब्ध हैं। जैसे-कंडोम

 

 

प्रश्न 13. बंध्यकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- बंध्यकरण एक शल्य क्रिया है जिसके दखलअंदाजी से युग्मक परिवहन को रोक दिया जाता है; फलतः गर्भाधान नहीं होता है। बंध्यकरण प्रक्रिया के लिए को पुरूषों के लिए ‘शुक्रवाहक उच्छेदन’ (वासेक्टोमी) तथा महिलाओं डिम्बवाहिनी नलिका उच्छेदन’ (टूबैक्टोमी) कहा जाता है।

 

 

प्रश्न 14.. यौन संचारित रोगों के सम्पर्क में आने से बचने के लिए कौन से उपाय अपनाने चाहिए?

उत्तर – यौन संचारित रोगी के सम्पर्क में आने से बचने के लिए निम्नांकित उपाय अपनाने चाहिए-

(1)किसी अनजान व्यक्ति यह बहुत व्यक्ति से यौन संबंध नहीं रखनी चाहिए।

(ii)किसी अनजान व्यक्ति यह बहुत व्यक्ति से यौन संबंध नहीं रखनी चाहिए।

(iii)किसी अनजान व्यक्ति यह बहुत व्यक्ति से यौन संबंध नहीं रखनी चाहिए।

 

 

प्रश्न 15. किसी चार यौन संचारित रोग के नाम, उनके कारक रोगाणुओं के साथ लिखें।

उत्तर – यौन संचारित रोग एवं कारक-
(i) एड्स-ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी वायरस
(ii) हर्पिस-सिंप्लेक्स वायरस
(iii) सिफलिस-ट्रेपोनेमा पैलिडम बैक्टीरिया
(iv) गोनोरिया-निसेरिया गोनोरी बैक्टीरिया

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